निदा की अन्तर्वासना-1

दोस्तो, मेरी पिछली कहानी में मैंने बताया था कि कैस…

ख्वाहिश पूरी की

दोस्तो, मैं अर्पित सिंह एक बार फिर से अपनी अधूरी प्र…

ट्रेन में धकाधक छुकपुक-छुकपुक-4

प्रेषक : जूजा जी तभी शब्बो बोली- राजा इसकी सील तोड़न…

निदा की अन्तर्वासना-2

इमरान ओवैश मैंने न सिर्फ अपने हाथों को उसकी पीठ पर…

ट्रेन में धकाधक छुकपुक-छुकपुक-1

प्रेषक : जूजा जी यह बात उस समय की है, जब मैं 18 सा…

ट्रेन में धकाधक छुकपुक-छुकपुक-3

प्रेषक : जूजा जी मुझे अभी भी याद था कि दो छेद मेरे…

पुरानी क्लासमेट की चुदास-2

कहानी का पिछला भाग: पुरानी क्लासमेट की चुदास-1 मैं…

चुदाई के लिए मेरा इस्तेमाल-2

प्रेषक : इमरान ओवैश “सुख का क्या है, कई लोग होते है…

मैं पूरे परिवार से चुदी-1

प्रेषिका : आशा मेरा नाम आशा है और आज मैं आपको अपनी…

मेरा रास्ता साफ है

प्रेषक : आकाशदीप मेरा नाम आकाशदीप है और अन्तर्वासना …