होली आई रे, खुशियाँ लाई रे

मेरा नाम नीना है और मैं पटियाला में रहती हूँ। मेर…

एक बेवा का शिकार-2

एक शाम मैंने फिर मुठ्ठ मार कर उसकी चड्डी में पोंछ क…

मेरी प्यारी चारू –2

दोस्तो, मैं और चारू दोनों ही प्यार के रंग में सराबो…

मेरी प्यारी आवृति

लेखक : परेश गुप्ता मेरा नाम परेश गुप्ता है, मैं एक …

पोर्न स्टार की तरह चोदा-2

प्रेषक : दीप कविता- रूको दीप, वहाँ चलो। सामने पड़े …

माँ-बेटियों ने एक-दूसरे के सामने मुझसे चुदवाया-8

घर लौटने के बाद मैंने दोपहर के खाने के समय कहा- ब…

मामा की बेटी से जाने अनजाने

विराज कुमार अन्तर्वासना के सभी पाठकों एवं पाठिकाओं …

उसे जन्नत दिखा दी !

मेरा नाम आदित्य है। यह मेरी बिल्कुल सच्ची घटना है, उ…

मैं पूरे परिवार से चुदी-2

प्रेषिका : आशा संजय अपनी टाँग फैला कर बिस्तर पर बैठ…

नाम में क्या रखा है-2

प्रेषक : होलकर नज़ारा भूले नहीं भूलता, चिकनी, चमकदा…