पहली बार का सुखद अहसास

प्रेषिका : ममता राजपूत हाय दोस्तो ! मैं अन्तर्वासना क…

मैं लौड़ा नहीं चूसूंगी-3

मेरी बुर उमा की चुदाई देखकर बुरी तरह गरम हो गई थी…

ससुराल- 2

प्रेषक : अमित पिछले भाग की कुछ अन्तिम पंक्तियाँ : लल्…

मैं लौड़ा नहीं चूसूंगी-4

अनिल उमा की गांड पर चुटकी काटते हुआ बोला- उमा जी,…

बिना सिंदूर का सुहाग-1

दोस्तो, मैं आपकी अर्चना लेकर आई हूँ अपनी कहानी ! मै…

मैं कुछ करता हूँ

यह कहानी 1964 की गर्मियों की है. हमारे परिवार के स…

साली का भीगा बदन

प्रेषक : लंडवा दोस्तो, आप ही की तरह मैं भी अन्तर्वास…

ससुराल- 1

प्रेषक : अमित शादी के बाद सुषमा अपनी ससुराल आई। उस…

प्रेस वाले से गांड मरवाई

लेखक : सनी सबसे पहले गुरूजी और उसके बाद अन्तर्वासन…

राजधानी सेक्सप्रेस

प्रेषक : अजय झा दोस्तों मैं अन्तर्वासना का एक नियमित …