लड़कपन की यादें-4

काफी देर तक सोनी नहीं आई तो मैंने फिर से उसे आवाज…

गर्दन के बाद चूत अकड़ गई

Gardan ke Bad Chut Akad Gai मेरा नाम पारितोष है। …

लड़कपन की यादें-1

मैं काफ़ी समय से अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। अधि…

लड़कपन की यादें-2

रात हुई, हम तीनों ने खाना खाया, थोड़ी देर ड्राइंग र…

लम्बी चुदाई-1

Lambi Chudai-1 नमस्कार मैं सारिका एक नया अनुभव आप …

पड़ोसन ने रसोई में लौड़ा चूसा

Padosan ne Rasoi me Lauda Chusa दोस्तो, आज मैं आपक…

लखनऊ के नवाब की चुदास-1

Lucknow ke Navab ki Chudas-1 अन्तर्वासना के सभी पाठ…

एक हसीन रात

हाय मेरे स्वीटहार्ट… आज रीतिन के साथ मेरी डेट है, ह…

हास्य कविताएँ

चाँदी जैसी चूत है तेरी, उस पे सोने जैसे बाल .. एक…

अपने यार को प्यार नहीं करोगी?

पहलू दो- संजीव का फ़साना हैलो दोस्तो, मेरा नाम संजी…