यह कैसा संगम-1

नेहा वर्मा यह कहानी तीन प्रेमियों की है। इस कहानी क…

शाकाल और नंगी हसीनाएँ-3

सोफे पर बैठ कर हम लोग दोनों का नाच देखने लगे। दो …

शाकाल और नंगी हसीनाएँ-5

सभी हसीनाओं और उनके आशिकों को चुदाई हाल में भेज द…

रिया और जिया

पुरुषोत्तम शास्त्री मैं पुरुष शास्त्री अन्तर्वासना का नि…

शाकाल और नंगी हसीनाएँ-4

काउंटर पर बहुत भीड़ थी, अभी शो शुरू नहीं हुआ था। न…

आकर्षण-2

वेदांत : अब दर्द कैसा है .. खाना खा लिया..?? मैंने…

रेखा- अतुल का माल-1

आपने मेरी लिखी कहानी हमारी नौकरानी सरीना पढ़ी। उसी…

एक के ऊपर एक

प्रेषक : अर्जुन मेरा नाम अर्जुन है, मैं शहर में काम …

चरित्र बदलाव-7

रात को करीब 11 बजे दरवाजे की घण्टी बजी और जब मैंने…

दोस्त की बीवी की चुदाई-1

मुख़तार मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। यह मेरी …