नया मेहमान-6
‘जीजू, बहुत चालू हो आप!’ कहकर हंसने लगी वो! फिर ह…
कमाल की हसीना हूँ मैं-36
“यहाँ कोई नहीं आयेगा और किसे परवाह है? देखा नहीं …
लाजो का उद्धार-2
रेशमा ठठाकर हँस पड़ी- पतिव्रता!’ और चुटकी ली- और तु…
लाजो का उद्धार-4
मैं जब पहुँचा लाजो वैसे ही खड़ी थी। नंगी पीठ पर लम्…
कमाल की हसीना हूँ मैं-42
मेरी वासना और जोर से भड़क उठी। मैंने बहुत ही मस्त ह…
Anokha Valima
Na Janay Nasir Keya soch rahay thay is lamhay jab…
कमाल की हसीना हूँ मैं-41
जब भी दर्दनाक लहर मेरे जिस्म में फूटती तो साथ ही मस्…
ममेरे भाई से फुद्दी चुदवाई
लेखिका : मोनिका हैलो दोस्तो ! मैं अन्तर्वासना की निय…
बहन को कैसे पटाया
मेरी एक बहन है। बचपन में हम साथ खेला करते थे, लेक…
कमाल की हसीना हूँ मैं-23
मैं उत्तेजना में अपनी दोनों जाँघों को एक दूसरे से …