दरवाजे में दरार
मेरे प्रिय अन्तर्वासना के पाठको, सब से पहले आप लोग व…
ट्रेन में धकाधक छुकपुक-छुकपुक-3
प्रेषक : जूजा जी मुझे अभी भी याद था कि दो छेद मेरे…
ट्रेन में धकाधक छुकपुक-छुकपुक-4
प्रेषक : जूजा जी तभी शब्बो बोली- राजा इसकी सील तोड़न…
मेरी चालू बीवी-3
लेखक : इमरान रसोई से बाहर आ उसने तौलिया लिया और म…
निदा की अन्तर्वासना-2
इमरान ओवैश मैंने न सिर्फ अपने हाथों को उसकी पीठ पर…
मुल्ला जी
मुल्ला जी बाजार गए और दुकानदार से बोले- मुझे बेगम …
मेरी चालू बीवी-2
इमरान सलोनी- हाँ…हाँ, मुझे पता चल रहा है कि तुम्हा…
ख्वाहिश पूरी की
दोस्तो, मैं अर्पित सिंह एक बार फिर से अपनी अधूरी प्र…
आंटी ने सिखाया-4
प्रेषक : अमन वर्मा नमस्ते दोस्तो, मैं अमन वर्मा आपका द…
निदा की अन्तर्वासना-3
इमरान ओवैश हम तीनों ही मादरजात नग्न थे और मेरे इशा…