केले का भोज-5

मैं कुछ नहीं सुन पा रही थी, कुछ नहीं समझ पा रही थ…

चिरयौवना साली-20

जीजाजी से मेरी रोजाना बात होती थी और उनकी बातों क…

चिरयौवना साली-21

लेखिका : कमला भट्टी मेरे गाँव से थोड़ी दूर कोई 10-1…

केले का भोज-1

प्रिय पाठको, आपने मेरी पिछली कहानियों स्‍वीटी और पु…

आप कुछ ऐसा करो-1

प्रेषक : संजय शर्मा, दिल्ली प्रिय दोस्तो, मैं संजय एक …

केले का भोज-8

वह फिर मुझ पर झुक गई। कम से कम आधा केला अभी अन्दर …

एक खड़े लंड की करतूत

प्रेम गुरु की कलम से “अच्छा चलो एक बात बताओ जिस मा…

मेरी सहकर्मी वंशिका

मेरे ऑफिस की जन संपर्क अधिकारी का नाम वंशिका है। च…

मासूम अक्षतयौवना-1

यह कोई मनघड़न्त कहानी नहीं, मेरी आपबीती है। मैं अजम…

मासूम यौवना-4

मासूम यौवना-3 से आगे : रात के ग्यारह बज गए थे, जीज…