कमाल की हसीना हूँ मैं-42

मेरी वासना और जोर से भड़क उठी। मैंने बहुत ही मस्त ह…

कमाल की हसीना हूँ मैं-43

उसका लौड़ा तो इतना लंबा-चौड़ा था ही बल्कि वो खुद भी …

मैं अपने जेठ की पत्नी बन कर चुदी -11

अन्तर्वासना के पाठकों को आपकी प्यारी नेहारानी का प्या…

कमाल की हसीना हूँ मैं-41

जब भी दर्दनाक लहर मेरे जिस्म में फूटती तो साथ ही मस्…

Jhadiyon Me Hui Meri Jamkar Chusai

Kahani k pehle mai apne bare mai bata du, mera na…

कमाल की हसीना हूँ मैं-40

मैं मानती हूँ कि कुछ देर पहले मैं इन हब्शियों के भ…

कमाल की हसीना हूँ मैं-33

मेरी पीठ मेरे ससुर ताहिर अज़ीज़ खान जी के सीने से ल…

Galti Mein Masti – Part II

Hii dosto… Mera naam kartik hai.. Main noida ka r…

नवाजिश-ए-हुस्न-2

लेखक : अलवी साहब इतने में हम पहुँच गए और चारों को…

मेरा गुप्त जीवन- 141

मैंने तीन चार बार ही ऐसा किया कि रति अपनी कमर नीच…