छप्पर फाड़ कर-2

मैंने उसके उरोजों को सहलाना शुरू किया। उरोज क्या थ…

अंगूर का दाना-3

प्रेम गुरु की कलम से उस रात मुझे और अंगूर को नींद …

Train Me Mili Apsara

Hi [email protected] sabhi pathko ko mera namshka…

अंगूर का दाना-1

प्रेम गुरु की कलम से एक गहरी खाई जब बनती है तो अपन…

मेरी मुनिया उसका पप्पू-2

लेखक : जीत शर्मा वो अचानक बेड से उठा और कमरे से बा…

किरायेदार-9

लेखिका : उषा मस्तानी रजनी उठी और उसने मुस्करा कर मु…

सुहागरात की सच्ची कहानी

दोस्तो, मैं अपनी सुहागरात की सच्ची कहानी ज्यों की त्य…

किरायेदार-3

सुरेखा की तरफ देखती हुई नर्स बोली- तू भी अपनी चूत …

किरायेदार-7

मैं सोमवार रात को 10 बजे आया, सुरेखा और दिन की तर…

जुरमाना क्या दोगे

प्रेषक : चन्दन मेरा नाम चन्दन है, हरियाणा का रहने वा…