मेरा गुप्त जीवन- 184

कम्मो रुआंसी हो गई कि उसको भी मूर्ख बनाया एक लड़की न…

चुदक्कड़ माया का सुहाना सपना-2

मैं ड्राइवर को रास्ता बताती गई, घर ज़्यादा दूर नहीं थ…

मेरा पहला सेक्स अधूरा ही रह गया

नमस्कार दोस्तो, यह मेरी अन्तर्वासना पर पहली कहानी है.…

अल्हड़ पंजाबन लड़की संग पहला सम्भोग-9

कुंवारी पायल की अनछुई चूत को चोद कर मुझे मजा आ गय…

मुझे जीना सिखा दिया-3

अरे हाँ.. काजल कहाँ है? सोचते हुए मैंने भी निगाह …

जिस्मानी रिश्तों की चाह-52

सम्पादक जूजा आपी रात को करीब तीन बजे मेरे कमरे में…

दोस्त को जन्मदिन का तोहफ़ा-2

अब तक आपने पढ़ा.. मेरे दोस्त बृजेश ने मुझसे जन्मदिन …

मेरा गुप्त जीवन- 181

इंदु मेरे अभी भी खड़े हुए लंड को बड़ी हैरानी से देख…

जिस्मानी रिश्तों की चाह -58

सम्पादक जूजा मैं आपी की बात सुन कर उनकी चूत के दान…

जिस्मानी रिश्तों की चाह-57

सम्पादक जूजा आपी बोलीं- बस भाई, अब तुम जाओ.. मैं र…