गाँव जाकर नौकर से प्यास बुझवाई-3

लेखिका : आंचल धन्यवाद गुरुजी आपने जो मुझे अन्तर्वासन…

स्वीटी-1

मैं एकदम चौंक पड़ी। अभी कुछ बोलती ही कि एक हाथ आकर…

पंख निकल आये-1

पाठको, आपके साथ-साथ मैं भी अन्तर्वासना की कहानियों …

प्रगति का समर्पण-2

लेखक : शगन कुमार शालीन को रात को ठीक से नींद नहीं…

राधा और रजनी

प्रेषक : आग्रह शर्मा यह मेरी पहली कहानी है। जब मेरी …

पंख निकल आये-2

अचानक हवा के जोरदार झोंके से सामने का दरवाजा खुल …

मॉस्को की याद में

प्रेषक : रोबिन चन्द्र अन्तर्वासना के सभी चाहने वालों क…

ननद का जेठ और उसका दोस्त -2

अन्तर्वासना पढ़ने वाले पाठकों को मेरी तरफ से यानी ॠच…

चाची की प्यास बुझाई-2

हम दोनों आमने-सामने बैठे थे, मैंने चुपचाप सर झुका…

खुल्लम-खुल्ला प्यार करेंगे-1

राज का मन बार बार रूपल को सोच सोच कर तड़प जाता था।…