उसकी खुद की फट गई !

हरीश महरा सभी अन्तर्वासना पढ़ने वालों को मेरा यानि ह…

एक घंटे में चार लौड़े

लेखक : सनी गांडू मैं सनी ! मुझे तो आप सब अच्छी तरह…

शहर में आकर गाण्ड मराई

प्रेषक : प्रेम सिंह सिसोदिया मैं गांव छोड़ कर कॉलेज …

मेरी गांड फ़ट गई

प्रेषक : हरीश महरा “उसकी खुद की फ़ट गई” का दूसरा भा…

बुआ हो तो ऐसी-2

(प्रेम गुरु द्वारा संशोधित एवं संपादित) मैं एक बार …

पड़ोस वाली भाभी-1

दोस्तो, मेरा नाम राहुल है, दिल्ली का रहने वाला हूँ।…

ए.टी.एम गार्ड से चुदा

आपका प्यारा सनी आपका प्यारा सनी गांडू एक बार फिर सब…

पड़ोस वाली भाभी-2

जैसा कि आप जानते हैं कि मैं अब एक कॉल-बॉय हूँ लेक…

प्यारी मोना-3

आप सबको मेरी कहानी प्यारी मोना-1, प्यारी मोना-2 पसं…

कुछ मनोरंजन हो जाये

प्रेषिका : शिल्पा त्रिपाठी प्रिय पाठको, मैं शिल्पी उम्र…