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एक खड़े लंड की करतूत

प्रेम गुरु की कलम से “अच्छा चलो एक बात बताओ जिस मा…

दो जवान बहनें पिंकी और रिंकी-8

फिर हम बिस्तर पर लेट गए। बाहर से अभी भी तेज आवाज आ…

एक अनोखी दुर्घटना

प्रेषक : अनिल वर्मा हेलो दोस्तो, कैसे हैं आप लोग? मै…

पलक की चाहत-6

हम दोनों घाट से उठे, मैंने अपनी चप्पल हाथों में ही…

दो जवान बहनें पिंकी और रिंकी-7

प्रेषक : राजवीर रिंकी की मामी अपने मायके गई तो माम…

बाथरूम का दर्पण-2

मैंने सोचा कि बाथरूम में जाकर दर्पण का मुआयना करूँ…

दो जवान बहनें पिंकी और रिंकी-1

आपने मेरी कई कहानियाँ पहले पढ़ी हैं। एक बार फिर से…

बाथरूम का दर्पण-1

अन्तर्वासना के तमाम पाठकों एवं पठिकाओं को रोनी का प्…

पलक की चाहत-5

वो कहते कहते रुक गई … “मैंने पूछा और क्या …?” तो ब…

दो जवान बहनें पिंकी और रिंकी-6

…तो महेश नीचे लेट गया और पिंकी ऊपर से उसका लण्ड गा…