एक और अहिल्या-6
वसुन्धरा की मां ने अभी-अभी वसुन्धरा को फोन लगा कर आ…
भैया का दोस्त -1
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार ! आप सबने …
एक और अहिल्या-9
तभी जोर से बिजली कड़की. एक क्षण को तो पूरा आलम एक अ…
भैया का दोस्त -2
खाना खाने के बाद प्रदीप और भैया तो हॉल में जा कर ट…
बीवी की चुदाई पड़ोसी से होती देखने की ख्वाहिश- 3
मैंने अपनी बीवी को चुदवाया अपने दोस्त से अपने सामन…
तू सेर, मैं सवा सेर-2
शहनाज़- खुश हो तो दिखाओ अपना लंड! मैं अभी देखना चा…
तीन पत्ती गुलाब-1
प्यारे पाठको और पाठिकाओ! इस कथानक की नायिका नाम है…
एक और अहिल्या-5
कार में वसुन्धरा ने मुझसे कोई बात नहीं की अपितु सा…
तीन पत्ती गुलाब-2
आज पूरा दिन गौरी के बारे में सोचते ही बीत गया। उस…
तीन पत्ती गुलाब-3
मैंने अपने और मधुर के दुश्मनों को (अरे भाई कपड़ों क…