प्रगति का अतीत- 3
मास्टरजी के घर से चोरों की तरह निकल कर घर जाते समय…
तीन पत्ती गुलाब-32
गौरी ने जो बताया, वह मैं उसी की जबानी आप सभी को ब…
अगर खुदा न करे… -6
कॉफी खत्म करके हम एक-दूसरे का हाथ पकड़े ही कमरे तक …
तीन पत्ती गुलाब-30
गौरी की कसी खूबसूरत गुलाबी गांड मारने के लिए मैं …
तीन पत्ती गुलाब-31
मैं अपनी कामवाली की चूत चोद चुका था और अब उसकी गा…
सिर्फ़ अमन की ॠचा
प्रेषिका : ॠचा ठाकुर अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मे…
तीन पत्ती गुलाब-37
मुझे पहले तो थोड़ा संशय था पर अब तो मैं पूरे यकीन …
तीन पत्ती गुलाब-36
मैं दफ्तर जाने के लिए तैयार होने बैडरूम में चला आय…
प्रगति का अतीत- 1
प्रगति की कुछ कहानियाँ आप पहले ही अन्तर्वसना पर पढ़ च…
तीन पत्ती गुलाब-33
भाभी धीरे-धीरे अपने भारी और मोटे नितम्बों को नीचे …