तीन पत्ती गुलाब-24

किसी भी कहानी या कथानक को लिखने में लेखक को बहुत …

तीन पत्ती गुलाब-32

गौरी ने जो बताया, वह मैं उसी की जबानी आप सभी को ब…

तीन पत्ती गुलाब-31

मैं अपनी कामवाली की चूत चोद चुका था और अब उसकी गा…

तीन पत्ती गुलाब-34

भाभी ने अपने दोनों हाथ भैया की पीठ पर कस लिए और अ…

तीन पत्ती गुलाब-30

गौरी की कसी खूबसूरत गुलाबी गांड मारने के लिए मैं …

तीन पत्ती गुलाब-36

मैं दफ्तर जाने के लिए तैयार होने बैडरूम में चला आय…

परीलोक से भूलोक तक

एक बार फिर मैं अपनी नई कहानी लेकर आपसे रूबरू हो र…

तीन पत्ती गुलाब-38

हे लिंग देव !!! आज तो तुमने सच में ही लौड़े लगा ही…

सिर्फ़ अमन की ॠचा

प्रेषिका : ॠचा ठाकुर अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मे…

तीन पत्ती गुलाब-37

मुझे पहले तो थोड़ा संशय था पर अब तो मैं पूरे यकीन …