तीन पत्ती गुलाब-37

मुझे पहले तो थोड़ा संशय था पर अब तो मैं पूरे यकीन …

तीन पत्ती गुलाब-38

हे लिंग देव !!! आज तो तुमने सच में ही लौड़े लगा ही…

जेम्स की कल्पना -4

कल्पना अलग पड़ी थी। योनि बाढ़ से भरे खेत की तरह बह र…

तीन पत्ती गुलाब-33

भाभी धीरे-धीरे अपने भारी और मोटे नितम्बों को नीचे …

तीन पत्ती गुलाब-39

और फिर दूसरे दिन सुबह जब मधुर स्कूल चली गई तो गौरी…

तीन पत्ती गुलाब-41

मैंने गौरी को अपनी गोद में उठा लिया। “ओह… रुको तो…

तीन पत्ती गुलाब-35

अब भाभी बैड पर पेट के बल लेटी गई थी और भैया ने उन…

जेम्स की कल्पना -3

लगभग एक साल लगे कल्पना को इस घटना पर थोड़ा थोड़ा बात…

नौकरी में मस्ती-1

प्रेषक : विक्रम शर्मा मेरा नाम विक्रम है मेरे परिवार …

तीन पत्ती गुलाब-40

मैंने कसकर गौरी की जांघें पकड़ ली। गौरी का शरीर अब…