कलयुग का कमीना बाप-12

मम्मी मुझे खाना खिलाने लगी। उनके हाथों से खाते हुए…

मेरा गुप्त जीवन- 168

मैं बड़ी धीरे धीरे चुदाई कर रहा था ताकि ऊषा पुनः ग…

मुझे तो तेरी लत लग गई

यह आपबीती मुझे मेरे दोस्त जय पाण्डेय ने भेजी है… और…

नीतू और मेरा तन-मिलन

लेखक : लवली सिंह दोस्तों मैं लवली, फगवाड़ा पंजाब, स…

यारों का महायाराना-2

दोस्तो, मैं राजवीर महायाराना का दूसरा भाग आपके साम…

यारों का महायाराना-3

दोस्तो, यारों के महायाराना के आगाज़ की पहली चुदाई क…

रेशमा की मस्त चुदाई

प्रेषक : राहुल प्रीतम मैं वाराणसी, यू पी का रहने वा…

यारों का महायाराना-4

दोस्तो, कहानी के पिछले भाग में आपने देखा कि मेरी ब…

यारों का महायाराना-5

दोस्तो, मैं राजवीर, महायाराना के अंतिम भाग के साथ …

मेरा गुप्त जीवन- 163

भैया की आँखें पूरी तरह से नग्न कम्मो के शरीर पर ही …