मेरा गुप्त जीवन- 171

मैंने ऊषा, सुश्री और शशि से वायदा ले लिया कि रात म…

ज़िन्दगी के अजीब रंग

मैं और कामिनी एक ही ऑफ़िस में काम करते थे। कामिनी …

वो मेरी रखेल बन गयी

हरीश मेरा नाम हरीश है और मेरी उमर २५ साल है मैं म…

मेरा गुप्त जीवन- 116

अगले दिन सुबह कोई 10 बजे के करीब एक मिनी बस हवेली…

मेरा गुप्त जीवन- 136

अगले दिन सुबह ही मैं, कम्मो और निम्मो लखनऊ वापस जान…

पलक और अंकित के बाद

लेखक : सन्दीप शर्मा दोस्तो, उम्मीद है आप सभी मजे में …

मेरा गुप्त जीवन- 155

मैंने धीरे धीरे लंड को नैंसी की चूत के अंदर बाहर …

मेरा गुप्त जीवन- 118

लेकिन मैं वाकयी में उन तीनों से बहुत ही ज़्यादा प्रभ…

मेरा गुप्त जीवन- 172

जसबीर ने ही आगे बढ़ कर दरवाज़ा खोला तो यह देख कर हम…

मेरा गुप्त जीवन- 154

फिर कम्मो रति को दीवार कूद कर उस के घर तक छोड़ आई औ…