अंगूर का दाना-1

प्रेम गुरु की कलम से एक गहरी खाई जब बनती है तो अपन…

अंगूर का दाना-5

प्रेम गुरु की कलम से मैंने अपने एक हाथ की एक अंगु…

अनजानी दोस्ती से गांड चुदाई तक

मेरा नाम अजय राठौर है और अन्तर्वासना मेरी पसंदीदा स…

अंगूर का दाना-4

मैंने उसे बाजू से पकड़ कर उठाया और इस तरह अपने आप …

अंगूर का दाना-7

प्रेम गुरु की कलम से ‘अम्मा बापू का चूसती क्यों नहीं…

अंगूर का दाना-8

प्रेम गुरु की कलम से मैं अपने विचारों में खोया था …

अंगूर का दाना-6

प्रेम गुरु की कलम से प्रथम सम्भोग की तृप्ति और संतुष्ट…

दोस्त की मंगेतर

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्रणाम। मेरा नाम द…

अगस्त की एक रात

लेखक : रणजीत लूथरा यह बात हैं कुछ 12-14 साल पुरान…

अंगूर का दाना-3

प्रेम गुरु की कलम से उस रात मुझे और अंगूर को नींद …