प्रणव की दास्तान
प्रेषक : सचिन शर्मा यह मेरे दो दोस्तों की कहानी है, …
उसकी खुद की फट गई !
हरीश महरा सभी अन्तर्वासना पढ़ने वालों को मेरा यानि ह…
लड़कपन की यादें-8
अब उसे भी मज़ा आने लगा था इसलिए अब उसकी सिसकारियाँ…
जिस्म की जरूरत -23
मेरा मुँह अब भी उसकी चूत पे टिका हुआ था और मेरी ज…
जेम्स की कल्पना -3
लगभग एक साल लगे कल्पना को इस घटना पर थोड़ा थोड़ा बात…
जिस्म की जरूरत-16
अपनी असफलता से दुखी होकर मैंने वंदना की आँखों में…
जिस्म की जरूरत-10
कैसे हैं मित्रो… देरी के लिए माफ़ी चाहता हूँ, वैसे …
जिस्म की जरूरत-15
मैं मुस्कुराने लगा और धीरे से सड़क के किनारे एक बड़े…
लड़कपन की यादें-4
काफी देर तक सोनी नहीं आई तो मैंने फिर से उसे आवाज…
शर्मीला की ननद-1
अपनी पिछली कहानी शेर का पुनः शिकार में मैंने आपक…