घर के लौड़े-4

Ghar ke Laude-4 रानी- आहह पापा ऊउउहह बहुत दर्द हो …

फेसबुक सखी-1

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को नमस्कार। आपने मेरी लिखी…

गलती किसकी-2

मेरा बेटा बेटी दोनों भाई बहन की चुदाई वाला खेल खे…

मेरी सहेली-1

प्रेषिका : कामिनी सक्सेना सहयोगी : रीता शर्मा मैं औ…

कोमल का डिल्डो

लेखिका : नेहा वर्मा आज मेरे पास कोई काम नहीं था. म…

वो सात दिन-3

प्रीत आर्य आपने मेरी कहानी ‘वो सात दिन’ के दो भाग त…

फेसबुक सखी-2

स्नेहा रीमा से बात करने लगी। रीमा उसे कुछ बोली, बद…

मस्ती कोठे की

बात उन दिनों की है जब मुंबई में दंगे चल रहे थे। प…

रोनी का राज-3

एक रोज रवि ने कहा- चल यार, तेरी शादी पक्की हो गई, …

फेसबुक सखी-3

स्नेहा रीमा से बात करने लगी। स्नेहा अपने बिस्तर पर ल…