मेरा गुप्त जीवन- 165
शाम सिंह जी नीचे उतर आये और मैं यह देख कर हैरान ह…
मेरा गुप्त जीवन- 148
सलोनी और रूही के जाते ही टेलीफ़ोन की घंटी बज पड़ी, …
मेरा गुप्त जीवन- 135
चाची भी बहुत अधिक गरमा चुकी थी तो वो भी जल्दी ही झ…
विधवा आंटी का प्यार
नमस्कार दोस्तो, मैं रवि (बदला हुआ नाम) उत्तराखंड के …
असगर मियां की ठर्क-1
यह कहानी हमारे ही मोहल्ले में राशन की दुकान चलाने …
असगर मियां की ठर्क-2
मेरे प्यारे दोस्तो, आप सब ने मेरी लिखी कहानी असगर म…
फ़ोन से बुर चुदाई तक
अवधेश रिंकू हैलो दोस्तो, मैं इस कहानी से आपको बतान…
कलयुग का कमीना बाप-10
एक दिन पापा मुझे शॉपिंग कराने ले गये और ढेर सारी …
कलयुग का कमीना बाप-11
पापा मेरी चूत को कुछ देर चाटने के बाद ऊपर उठे और …
दोस्त की भाभी की चुदाई
मेरी मदद से मेरा दोस्त ने अपनी भाभी को भगा कर किरा…