विधवा आंटी का प्यार
नमस्कार दोस्तो, मैं रवि (बदला हुआ नाम) उत्तराखंड के …
मेरा गुप्त जीवन- 168
मैं बड़ी धीरे धीरे चुदाई कर रहा था ताकि ऊषा पुनः ग…
असगर मियां की ठर्क-1
यह कहानी हमारे ही मोहल्ले में राशन की दुकान चलाने …
ज़िन्दगी के अजीब रंग
मैं और कामिनी एक ही ऑफ़िस में काम करते थे। कामिनी …
असगर मियां की ठर्क-2
मेरे प्यारे दोस्तो, आप सब ने मेरी लिखी कहानी असगर म…
मेरा गुप्त जीवन- 176
तीनों भाभियाँ अपनी अपनी चुदाई कहानियाँ सुनाने को …
कलयुग का कमीना बाप-11
पापा मेरी चूत को कुछ देर चाटने के बाद ऊपर उठे और …
कलयुग का कमीना बाप-12
मम्मी मुझे खाना खिलाने लगी। उनके हाथों से खाते हुए…
कलयुग का कमीना बाप-10
एक दिन पापा मुझे शॉपिंग कराने ले गये और ढेर सारी …
वो मेरी रखेल बन गयी
हरीश मेरा नाम हरीश है और मेरी उमर २५ साल है मैं म…